उत्तर : मेथेनल या फॉर्मलडिहाइड को कास्टिक सोडा यानी (NaOH) के साथ गर्म करने पर मैथिलऐल्कोहल और सोडियम फॉर्मेट प्राप्त होता है। 2HCHO + NaOH → CH3OH + HCOONa ✓ यह अभिक्रिया कैनिजारो अभिक्रिया कहलाती है। ✓ यह एक असमानुपातन अभिक्रिया होती है जिसमें एक ही पदार्थ का ऑक्सीकरण तथा अपचयन होता है। ✓ उपर्युक्त अभिक्रिया में मेथेनल , मेथिल ऐल्कोहल में अपचयित जाता है तथा साथ ही साथ सोडियम फॉर्मेट में आक्सिकृत हो होता है
उत्तर : प्रोपेनोन (= एसीटोन ) , सांद्र नाइट्रिक अम्ल (HNO3) जैसे प्रबल ऑक्सीकारक की उपस्थिति में तथा उच्च ताप व दाब पर फार्मिक अम्ल एवं एसिटिक अम्ल में ऑक्सीकृत हो जाता है। CH3COCH3 + HNO3→HCOOH + CH3COOH
उत्तर : एथेनोइक अम्ल को P2O5 अथवा सल्फ्यूरिक अम्ल(H2SO4) की उपस्थिति में गर्म करने पर एथेनोइक एनहाइड्राइड प्राप्त होता है। 2CH3COOH + P2O5 → (CH3CO)2O + H2O
उत्तर : ✓ बेंजलडिहाइड को कास्टिक सोडा यानी सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) की उपस्थिति में फेनिल मेथिल कीटोन के साथ गर्म करने पर “ 1,3-डाईफेनिल प्रोप-2-इन-1-ओन ” मुख्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है । ✓ यह अभिक्रिया क्रास ऐलडाल संघनन कहलाती है। C6H5CHO + C6H5COCH3 + NaOH → C6H5-CH=CH-CO-C6H5
उत्तर : रोजेनमुंड अपचयन : एसिल क्लोराइड का अपचयन, H2/Pd + BaSO4 की उपस्थिति में कराने पर एल्डिहाइड प्राप्त होता है। इस प्रकार का अपचयन रोजनमुंड अपचयन कहलाता है। जैसे ; C6H5-CO-Cl + H2/Pd+BaSO4 → C6H5CHO
उत्तर : ईटार्ड अभिक्रिया (Etard Reaction ) : टालूईन का ऑक्सीकरण , कार्बन डाइसल्फाइड (CS2) विलायक में तथा क्रोमिल क्लोराइड ( CrO2Cl2) की उपस्थिति में कराने पर पहले चरण में क्रोमियम का काम्प्लेक्स प्राप्त होता है जिसका जल अपघटन कराने पर बेंजलडिहाइड बनता है। इस अभिक्रिया को ईटार्ड अभिक्रिया कहते हैं। C6H5CH3 + CrO2Cl2 + CS2 → C6H5-CH(OCrOHCl2)2 → C6H5CHO